दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं । सेवक स्तुति करत सदाहीं ॥ शिव को भस्म क्यों चढ़ाई जाती है, जानिए यहां भस्म आरती के राज त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥ जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ॐ जय शिव…॥ वेद माहि महिमा तुम गाई। अकथ अनादि भेद नहिं https://shivchalisas.com