जनकसुता हरि दास कहावो, ताकी शपथ विलम्ब न लावो । जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥ राम दूत अतुलित बल धामा पूजा जप तप नेम अचारा, नहिं जानत हौं दास तुम्हारा । • The title "Hanuman" is derived within the Sanskrit phrase "Hanu," which https://vashikaran54310.blogdon.net/hanuman-aarti-an-overview-48914762